ब्लॉगवर प्रथम कविता लिहिते आहे. माझ्या आयुष्यातील स्फूर्ती असलेल्या पप्पावरील कवितांनी ..
द्वितीय स्मृती दिन 17/12/2008
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तुमच्या हातचा तो
एक उबदार स्पर्श
निघून जाती त्या
फुलपाखरां सारखा
हातावरती सप्तरंग ठेवुनी
तृतीय स्मृती दिन 17/12/2009
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या समईतील नंदादीपाप्रमाणे
असे हा स्मृति दिन,
या तुमच्या सुरेल आठवणी
असे आमुचा मांगल्याचा ठेवा |
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मस्त आहेत !!!
ReplyDeleteHrudaysparshi!
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ReplyDeleteआयुष्यातील आठवणी न संपणारे नाते लिहिले.
ReplyDeleteThanks.
wadilan vishyee asleli atmiyata
ReplyDeletekhoop sunder mandlia
smrutiche parde fitle..
ReplyDeletekhup changali
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